प्रेस कॉन्फ्रेंस — सीसीएमपी होम्योपैथिक डॉक्टर्स को एमएमसी रजिस्ट्रेशन
🔷 1. कानूनी और प्रशासनिक जानकारी
महाराष्ट्र मेडिकल कौन्सिल (MMC) ने 30 जून 2025 को नोटिफिकेशन जारी किया कि जिन्होंने MUHS से CCMP कोर्स पूरा किया है, उन BHMS डॉक्टर्स का अलग रजिस्टर में नोंदणी की जाएगी।
CCMP (Certificate Course in Modern Pharmacology) को 2014 में महाराष्ट्र सरकार ने कानूनी मंजूरी दी थी और 8 जुलाई 2014 को राजपत्र में प्रकाशित किया गया था।
ये कोर्स सरकारी और प्राइवेट मॉडर्न मेडिसिन कॉलेजों में MBBS/MD प्रोफेसरों द्वारा पढ़ाया जाता है।
अब तक 9160 BHMS डॉक्टर्स ने ये कोर्स सफलतापूर्वक पूरा किया है।
🔷 2. IMA का विरोध और सच्चाई
Indian Medical Association (IMA) का दावा है कि सरकार ने दबाव में आकर MMC से ये निर्णय करवाया — ये सरासर गलत है।
2014 में MMC अधिनियम में संशोधन करके BHMS + CCMP डॉक्टर्स की नोंदणी का प्रावधान जोड़ा गया था।
CCMP को MMC की मान्य डिग्रियों की सूची में क्रमांक 28 पर शामिल किया गया है।
IMA की बातें कानूनी और तथ्यात्मक रूप से गलत हैं।
🔷 3. हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के निर्णय
IMA ने Bombay High Court और Supreme Court में कई बार CCMP के खिलाफ केस डाले, लेकिन कभी भी स्टे नहीं मिला।
Justices A.S. Oka, Gadkari, Sonak, Waghela, Sikri और Nariman — सभी ने CCMP को कानूनी रूप से वैध बताया है।
MMC अब पूरी तरह अधिकृत है CCMP डॉक्टर्स को रजिस्टर करने के लिए।
🔷 4. सरकार का स्पष्ट रुख
25 फरवरी 2025 को मेडिकल एजुकेशन मंत्री ने एक मीटिंग ली जिसमें MMC, होम्योपैथी काउंसिल और लीगल एक्सपर्ट्स शामिल थे।
मीटिंग में MMC ने खुद माना कि कोई भी कोर्ट स्टे नहीं है।
मंत्री महोदय ने स्पष्ट निर्देश दिए कि कानून के अनुसार रजिस्ट्रेशन शुरू किया जाए।
🔷 5. FDA महाराष्ट्र का समर्थन
26 दिसंबर 2024 को FDA ने एक सर्कुलर जारी किया कि CCMP डॉक्टर्स “Registered Medical Practitioners” माने जाएंगे।
इन्हें एलोपैथिक दवाएं खरीदने, प्रिस्क्राइब करने और इस्तेमाल करने का पूरा अधिकार है।
🔷 6. IMA की विफल कोशिशें
IMA ने कई बार कोर्ट में स्टे की मांग की — Bombay HC और Supreme Court दोनों जगह — हर बार खारिज किया गया।
वे छुट्टी के दौरान कोर्ट बेंच में जाकर भी स्थगन की कोशिश में असफल रहे।
🔷 7. मीडिया और जनता से अपील
IMA का विरोध जनहित के खिलाफ और भ्रामक है।
मीडिया से निवेदन है कि:
सिर्फ कानूनी दस्तावेज़ों के आधार पर रिपोर्ट करें।
आधे-अधूरे झूठ से जनता को गुमराह न करें।
🔷 8. साइंटिफिक स्टडी का परिणाम (SVNGMC, यवतमाल)
कोर्स: CCMP पर एक स्टडी की गई थी
प्रकाशन: International Journal of Scientific Research (Jan 2018)
📊 रिजल्ट:
कोर्स से पहले पास प्रतिशत: 12%
कोर्स के बाद पास प्रतिशत: 86%
औसत मार्क्स: 5.1 ➝ 10.16
p-value < 0.001 (मतलब परिणाम बहुत प्रभावशाली)
🔍 निष्कर्ष:
कोर्स के बाद डॉक्टर्स ने irrational treatment (IV, steroids misuse) बंद कर दिए।
उन्होंने सेफ प्रिस्क्रिप्शन और एVIDENCE-BASED PRACTICE शुरू की।
🔷 9. स्पष्टीकरण: MBBS जैसा नहीं, लेकिन ग्रामीण भारत के लिए ज़रूरी
CCMP डॉक्टर्स MBBS के बराबर होने का दावा नहीं कर रहे।
लेकिन वे गांवों और कस्बों में इमरजेंसी और बेसिक ट्रीटमेंट देने में पूरी तरह सक्षम हैं।
ये MBBS की जगह नहीं, बल्कि सहायक शक्ति हैं।
🔷 10. BHMS + CCMP बनाम MBBS – तुलना (सरल शब्दों में)
BHMS की पढ़ाई 5.5 साल की होती है, जिसमें Anatomy, Physiology, Biochemistry, Pathology, Microbiology, FMT, और क्लिनिकल सब्जेक्ट्स जैसे Medicine, Surgery, Gynae, ENT शामिल होते हैं।
CCMP कोर्स BHMS के बाद किया जाता है, जो 1 साल का होता है। इसमें एलोपैथिक फार्माकोलॉजी, क्लिनिकल ट्रेनिंग, मेडिसिन, सर्जरी, पीडियाट्रिक्स और गाइनैक जैसी जरूरी चीजें सिखाई जाती हैं — वो भी MBBS कॉलेजों में MBBS/MD टीचर्स से।
इस तरह BHMS (5.5 साल) + CCMP (1 साल) = 6.5 साल की मेडिकल ट्रेनिंग, जो MBBS से भी लंबी है।
CCMP करके BHMS डॉक्टर्स अब कानूनी रूप से सक्षम हैं कि वे बेसिक इलाज और इमरजेंसी सपोर्ट दे सकें — खासकर उन जगहों पर जहां MBBS डॉक्टर्स नहीं पहुंच पाते।
🧾 अंतिम संदेश
“BHMS कोई शॉर्टकट नहीं है। यह एक वैज्ञानिक और गहरी मेडिकल पढ़ाई है। CCMP उसे और मजबूत बनाता है — क्लिनिकली, कानूनी रूप से, और सामाजिक रूप से।
मिलकर ये भारत के गांवों में वो स्वास्थ्य सेवा देते हैं जो MBBS अकेले नहीं दे सकता।”
CCMP
Comments
One response to “CCMP”
-
बराबर है होमिओपथिक डॉक्टर्स को एमएमसी मैं शमील करणा चाहिए
Leave a Reply